Audio Kumbh
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यज्ञ के होता तुम ही थे, प्रथम आहूति तुम बने थे" यह पंक्ति डॉक्टर जी के बारे में एक गीत से ली गई हैं और बिल्कुल सत्य है। देश में एक सर्वथा अभिनव शैली का, जिसे हम आचरण शैली कह सकते हैं, डॉक्टर हेडगेवार जी द्वारा ही इसका शुभारंभ किया गया था। प्रस्तुत पुस्तक "संघ नीव में विसर्जित" इसी विषय पर आधारित व समर्पित पुस्तक है। पुस्तक के दो हिस्से हैं, यह प्रथम पुष्प है जिसमें श्री भैया जी दाणी, श्री एकनाथ जी रानडे, श्री माधव राव जी मूले के समर्पण की कहानी तथा उनके द्वारा प्राप्त किए गए लक्ष्यों को लिपिबद्ध किया गया है।
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